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वाराणसी में विश्व मधुमेह जागरूकता अभियान: ब्रेकिंग बैरियर्स, ब्रिजिंग गैप्स थीम पर शिविरों का आयोजन

वाराणसी: मधुमेह जैसी गंभीर बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से 14 नवंबर को हर साल विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष 2024 की थीम “Breaking Barriers, Bridging Gaps” रखी गई है। इस क्रम में वाराणसी के पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय, एसएसपीजी कबीर चौरा समेत सभी सीएचसी, पीएचसी और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में विशेष स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया गया, जहां लोगों ने मधुमेह जांच करवाई और बीमारी से बचने के उपाय सीखे।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने समझाया कि शरीर में इंसुलिन उत्पादन में कमी आने से खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने लगता है, जो मधुमेह का प्रमुख कारण है। उन्होंने बताया कि इंसुलिन शरीर में भोजन को ऊर्जा में बदलता है, लेकिन इंसुलिन के कम होने पर शरीर में शुगर की मात्रा नियंत्रित नहीं होती और व्यक्ति मधुमेह का शिकार बनता है।

सीएमओ ने दो प्रकार के मधुमेह – टाइप वन और टाइप टू पर चर्चा की। टाइप वन मधुमेह अक्सर बचपन या युवावस्था में होता है, जिसमें रोगी को जीवनभर इंसुलिन लेना पड़ता है। वहीं, टाइप टू मधुमेह, जो 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में आम है, खानपान और दिनचर्या में बदलाव के साथ नियंत्रित किया जा सकता है।

एनसीडी कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. वाईबी पाठक ने बताया कि पं. दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय के एनसीडी क्लीनिक में 140 लोगों का मधुमेह परीक्षण हुआ, वहीं एसएसपीजी कबीर चौरा के एल्डर्ली क्लीनिक में 40 लोगों की जांच की गई। इसके अलावा, सभी सीएचसी, पीएचसी और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में भी जागरूकता शिविर लगाए गए, जिससे लोगों को मधुमेह से जुड़े खतरे और बचाव के बारे में जानकारी मिली।

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